मरवाही डीएफओ आफिस में पदस्थ लिपिक भूपेंद्र साहू की शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं आख़िर क्यूँ…..?

गौरेला पेंड्रा मरवाही: मरवाही वनमण्डल में दो ऐसे चमत्कारी कर्मचारी है जिनके सामने उच्य अधिकारी तक कार्यवाही के नाम से नात्मस्तिक है। लोग कहने लगे है कि लक्ष्मी कृपा की आशीर्वाद प्राप्त होने की संभावना जताया जाता है बात कर रहे है मरवाही डीएफओ आफिस में पदस्थ वायलेश आपरेटर जिसे कहते है प्रभारी DFO स्टेनो और कैम्पा शाखा में पदस्थ पिछले 5 वर्षों से सहायक ग्रेट 3 वर्तमान सहायक ग्रेट 2 भूपेंद्र साहू इन दोनों कर्मचारियों ने विभाग को जमकर लुटा और आये से अधिक सम्पति की आरोप बताया जा रहा हैं
जो जाँच का विषय बनता हैं। इन दोनों कर्मचारियों के बिना मरवाही DFO का कार्यकाल शायद नही चल सकता शायद समान्य प्रशासन विभाग नियम कुछ कर्मचारियों के लिए ही बनाता है जिससे नियम के अनुसार कहते है की एक कर्मचारी 3 वर्षो से एक ही प्रभार पर अधिक दिनों से नही रह सकता हैं पर मरवाही वनमण्डल। के जो भी पूर्व DFO हुए इनको नियम अनुसार नही हटा सके भले इनके कारण स्थानतरण जरूर गए एक कहावत हैं “अवसार चुके न मालिन का गीत गावेय कैम्पा शाखा में” पदस्थ कर्मी की नियुक्ति कुछ ही वर्षो पूर्व मरवाही वनमण्डल में हुई है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भूपेंद्र साहू नौकरी के बाद केवल 10 साल की सेवा में करोडो रुपए की सम्पति अर्जित कर मालिक बन गया और आये से अधिक सम्पति बताया जा रहा हैं बताया जा रहा हैं की माकन और प्लाट बिलसपुर और पेन्ड्रोरोड में खरदी किया गया यह तथ्य जब जाँच के बाद मामला सामने आएगा, जब EOW जाँच करेगी इसके बाद से आरोपित SDO जो मरवाही का प्रभारी DFO बना और भूपेंद्र साहू के साथ मिलकर लगभग करोडो रुपए का कैम्पा शाखा से सम्बंधित राशि का चेक नियम विरुद्ध काटा इसके बाद शासकीय राशि का जमकर बंदरबाँट किया गया, उसकी उसका संजय त्रिपाठी का सैकड़ो शिकायत हुई पर भ्रष्टाचारी DFO दिनेश पटेल आर के मिश्रा संजय त्रिपाठी शशि कुमार ने डिवीजन को जमकर लुटा और शिकायत हुए पर शिकायत से पद बस छीना और कोई कार्यवाही नहीं किया गया।